सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिकोण से राजनीति विज्ञान व्यापक एवम् बहुआयामी प्रासंगिकता रखता है क्योंकि इसके अंतर्गत आनेवाले विभिन्न पहलू जो विभिन्न प्रश्न पत्रा के पहलुओं से संबंध्ति हैं जिसका लाभ प्रतियोगी छात्रों को प्रारम्भिक परीक्षा से साक्षात्कार परीक्षण तक मिलता है। यदि सम्यक् रणनीति बनाकर कुशल मार्गदर्शन में तैयार की जाये तो वर्तमान पाठ्यक्रम में अध्कि से अध्कि अंक लाकर कम से कम समय में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
सभी विषय अपने आप में अनुशासनात्मक रूप से सुदृढ़ होता है लेकिन अंतर अनुशासनात्मक रूप से सभी विषय एक दूसरे से अंतर्संबंध्ति होता है क्योंकि प्रत्येक विषय का सम्बन्ध् परीक्षा के समग्र ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, भौगोलिक परिप्रेक्ष्य, मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य, दार्शनिक परिप्रेक्ष्य, अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य तथा आत्मविश्लेषणात्मक परिप्रेक्ष्य आदि से होता है। इन सभी तत्वों को दृष्टिगत रखते हुए विषय का चुनाव व्यवहारिक पहलुओं के आधर पर किया जाय।